भारतीय संस्कृति Archive
कला की दृष्टि से हड़प्पा की सभ्यता और मौर्यकाल के बीच लगभग 1500 वर्ष का अंतराल है। इस बीच की कला के भौतिक अवशेष उपलब्ध नहीं है। महाकाव्यों और बौद्ध ग्रंथों में हाथीदाँत, मिट्टी और धातुओं के काम का उल्लेख है। किन्तु मौर्यकाल से पूर्व वास्तुकला और मूर्तिकला के मूर्त उदाहरण कम ही मिलते हैं। इस …
दिल्ली सल्तनत काल में प्रचलित वास्तुकला की ‘भारतीय इस्लामी शैली’ का विकास मुग़ल काल में हुआ। मुग़लकालीन वास्तुकला में फ़ारस, तुर्की, मध्य एशिया, गुजरात, बंगाल, जौनपुर आदि स्थानों की शैलियों का अनोखा मिश्रण हुआ था। मुग़लों ने भव्य महलों, क़िलों, द्वारों, मस्जिदों, बावलियों आदि का निर्माण किया। वास्तव …
सल्तनत काल में भारतीय स्थापत्य कला के क्षेत्र में जिस शैली का विकास हुआ, वह भारतीय तथा इस्लामी शैलियों का सम्मिश्रिण थी। इसलिए स्थापत्य कला की इस शैली को ‘इण्डो इस्लामिक’ शैली कहा गया। इण्डों-इस्लामिक स्थापत्य कला शैली की विशेषताएँ निम्न प्रकार …
भारतीय मूर्तिकला भारत के उपमहाद्वीपों की सभ्यताओं की मूर्तिकला परंपराएँ, प्रकार और शैलियाँ का संगम है। भारतीय भवन प्रचुर रूप से मूर्तिकला से अलंकृत हैं और प्रायः एक-दूसरे से अलग नहीं किए जा सकते। इतिहास अन्य कलाओं के समान ही भारतीय …
भारतीय पारम्परिक क्रॉफ्ट हमेशा से ही काफी चर्चित और आकर्षण का केंद्र रहे हैं। इतनी पुरानी विधा तथा उद्योग का 21वीं सदी तक टिका रहना इसकी सम्पन्न व समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, मजबूत इतिहास और बहुमूल्यता को दर्शाता है। राजस्थान, …
इस्लाम का उदय इस्लाम की स्थापना पैगम्बर मोहम्मद द्वारा की गयी थी। इस्लाम ने अपने भीतर ही कई धार्मिक और आध्यात्मिक आंदोलनों को देखा। इस्लाम के भीतर दो मुख्य पंथ (Sects) उभरे। प्रथम, सुन्नी और द्वितीय शिया। भारत में तो …
गुप्त काल में कला की विविध विधाओं जैसे वास्तु, स्थापत्य, चित्रकला, मृदभांड, कला आदि में अभूतपूर्ण प्रगति देखने को मिलती है। गुप्तकालीन स्थापत्य कला के सर्वोच्च उदाहरण तत्कालीन मंदिर थे। मंदिर निर्माण कला का जन्म यहीं से हुआ। गुप्तकालीन मंदिर …
भारतीय स्थापत्य कला की उत्पत्ति हड़प्पा काल से मानी जाती है। भारतीय स्थापत्य एवं वास्तुकला की सबसे ख़ास बात यह है कि इतने लंबे समय के बावजूद इसमें एक निरंतरता के दर्शन मिलते हैं। सिंधु घाटी सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा …