- मुख्य परीक्षा का उत्तर लिखते समय शब्द सीमा का विशेष ध्यान रखें एवं सुस्पष्ट सरल भाषा का ही प्रयोग करें !
- उत्तर लिखने से पहले प्रश्नो को ठीक प्रकार से पढ़ लें , कई बार ऐसा होता है कि प्रश्नो का आशय कुछ और होता है एवं हम उत्तर कुछ और दे जाते हैं !
- मुख्य परीक्षा के प्रश्नो में हमेशा उल्लेख कीजिये , चर्चा कीजिये , विवरण दीजिये , समीक्षा कीजिये , व्याख्या कीजिये विवेचना कीजिये , आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये आदि शब्द आते हैं जिनका आशय भिन्न – भिन्न होता है …अक्सर हम प्रश्नो कि वास्तविक मांग को नहीं जान पाते और गलत उत्तर दे जाते हैं ….तो इनका अर्थ जरूर जान लें ..!
- उत्तर लेखन में महत्वपूर्ण घटनाएँ , सन , महत्वपूर्ण बिन्दुओं आदि को अंडरलाइन कर सकते हैं !
- प्रश्न कि मांग के अनुसार उत्तर लेखन करें एवं उत्तर लेखन में बेवजह कि रूपरेखा तैयार करने से बचें ! उत्तर सटीक , point to point एवं निर्णयात्मक होना चाहिए ! कई बार ऐसा होता है कि हम उत्तर तो सारा लिख डालते है किन्तु वह प्रश्न कि मांग से परे होता है !
- उत्तर कि शुरुआत एवं अंत में लेखन का विशेष ध्यान दें शब्द संख्या बढ़ने के चक्कर में लम्बी चौड़ी कहानियां एवं भूमिकाएं लिखने से बचें !
- उत्तर लेखन में विशेष ध्यान दें कि किसी भी तथ्य को दोबारा तो नहीं लिख रहे हैं ! कई बार हम उत्तर लेखन में कोई घटना , तथ्य , आंकड़े अलग अलग तरीको से दोहरा जाते हैं ….कोई भी पैराग्राफ दोबारा न आये इसके लिए एक बार सरसरी निगाह से देखते जाएँ ….!
- सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण प्रश्नो का चयन होता है कई बार हम कुछ ऐसे प्रश्नो से शुरुआत करते हैं जो बहुत ही बड़े उत्तर वाले होते हैं एवं तथ्यों का प्रयोग नगण्य होता है …..हमेशा कोशिश करें कि उन्ही प्रश्नो को चुने जिनकी व्याख्या आप कम शब्दों में अधिक प्रमाणिकता के साथ कर सकें !
- उत्तर को हमेशा पैराग्राफ में लिखने की आदत डालें यानि जहाँ आपकी एक बात पूरी हो गयी और कोई नयी और महत्वपूर्ण चीज लिखने जा रहे हैं तो तुरंत पैराग्राफ बदल दें ….!!
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किसी विशेष व्यक्ति अथवा सरकार के कार्यों को दर्शाते समय हमेशा उदासीन न किसी के आलोचक और न किसी के समर्थक …. . हर चीज के दोनों पक्षों को देखिये अगर किसी चीज से लाभ हैं तो उससे हानियां भी होंगी ही !!
– शरद तिवारी " निःशब्द "